नासा ने खोजी ‘दूसरी पृथ्वी’ ,पानी से भरा है समुंद्र, जीवन यापन के भी मिले संकेत, क्या है रहस्य , चलिए जानते हैं

नासा वेब टेलीस्कोप : – नासा के वेब टेलिस्कोप ने एक ऐसे ग्रह का पता लगाया है जिस पर मेथेन गैस के साथ कार्बन डाइऑक्साइड भी मिली है। नासा का मानना है कि इस खोज के बाद इस तरह पर भी जीवन यापन हो सकता है । नासा ने यह खासा जानकारी दी हैं।

फ्लोरिडा : नासा के वैज्ञानिकों ने कई प्रकाश वर्ष दूर एक विशाल एक्सोप्लैनेट पर एक महासागर के होने का ऐलान किया है । उनकी माने तो उनका कहना है कि इस ग्रह पर संभावित जीवन की एकतरफा इशारा करने वाला एक रासायन भी मिला है । नशे की माने तो एक जो प्लेनेट मिला है वह पृथ्वी से 8.6 गुना बड़ा है । हाथी एजेंसी को K2 – 18 b ग्रह के माताओं की नई जांच में मेथेन और कार्बन डाइऑक्साइड समेत कार्बन के प्रभाव वाले अंगों की उपस्थिति का भी पता चला है । यह खोज नासा के जेम्स वेब टेलीस्कोप की तरफ से की गई है ।

जानकारी कैसे मिली

गेम्स वेब की खोज हाय के अध्ययनों से जुड़ी रहती हैं जो बताती हैं कि K2-18b एक हाइसीन एक्सोप्लैनेट हो सकता है । जिसमें हाइड्रोजन समुद्र और महासागर के होने की संभावना होती है । जिसमें हाइड्रोजन वातावरण और महासागर के होने की संभावना है । नासा ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि इस रहने योग्य क्षेत्र वाले एक्सोप्लैनेट के वायुमंडलीय गुणों के बारे में जो जानकारी मिली है इस नई तलाश ने आगे के रिसर्च के लिए वैज्ञानिकों को प्रेरित किया है नशे की माने तो इसको अपने सिस्टम के बारे में उनकी समझ को ही बदल कर रख दिया है ।

K2 – 18b क्या है

K2 – 18b रहने योग्य क्षेत्र में ठंडी एकदम छोटे होने से तारेK2 – 18 की परिक्रमा करता रह्ता है। यह पृथ्वी से 120 प्रकाश वर्ष दूर है। K2 – 18b जिनका का पृथ्वी और मैप चूर्ण के बीच है । और यह सौरमंडल की किसी भी चीज से काफी अलग है । नासा की माने तो निकटवर्ती ग्रहों की कमी की वजह से इन उप नेचुरल को अक्सर कम करके आंका जाता है। इसके अलावा उनके वायुमंडल की प्रकृति खगोल भी दो के बीच सक्रिय भारत का विषय है। नासा की माने तोK2 – 18b इस हाइजीन एक्सोप्लैनेट हो सकता है ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ खगोल वेद मानते हैं कि यह घटनाक्रम एक्सोप्लैनेट पर जीवन की तलाश की नई दिशा में उम्मीद देता रहता है।

वैज्ञानिक क्या सोचते हैं

कैंब्रिज विश्वविद्यालय के खगोल शास्त्री लीडओथर निक्कू मधुसूदन ने बताया परंपरागत रूप से एक्सोप्लैनेट पर गेहूं की खोज मुख्य रूप से छोटी चट्टानी ग्रह पर केंद्रित रहती है । दही बड़े हाईसैल दुनिया वायुमंडलीय धारणा के काफी अनुकूल है । मैं थाना प्रबंधक सेट करना और अमोनिया की कमी से परिकल्पना का समर्थन करती हैं किप्रजातांत्रिक माताK2 – 18b हाइड्रोजन लेस वातावरण के नीचे एक महासागर हो सकता है ।

यह भी देखे : –

Leave a Comment

Tiger 3: सलमान खान की टाइगर 3 तोड़ेगी सारे रिकॉर्ड, सलमान ने कहीं बड़ी बात | India vs Australia : भारत की जीत के बाद केएल राहुल ने अपने कप्तानी में क्या कहा दुनिया में दूसरे स्थान पर है ताजमहल, तो फिर टॉप 10 में पहला नंबर किसका है | Jaane Jaana Movies Review: करीना कपूर की नई फिल्म का रिव्यू शुभ्मन गिल पर आया पाकिस्तानी गर्ल का दिल, सारा तेंदुलकर का रो-रो कर बुरा हाल. सचिन ने उठाया यह कदम ।