समुद्र में 6000 मीटर नीचे जाएंगे 3 लोग, समुद्री मिशन के बारे में जानिए सबकुछ

SEP 14, 2023

चंद्रयान और सुर्ययान के बाद अब भारत अपने मिशन समुंद्र पर काम कर रहा है . पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के मंत्री किरेन रिजिजु ने 11 सितंबर को ट्वीट करके यह बताया कि अगला मिशन समुंद्रयान हैं. 

चेन्नई के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी  (NIOT) मैं इसे बनाया जा रहा है. इसके जरिए तीन इंसानों को समुंदर के अंदर 6000मीटर की गहराई तक भेजा जाएगा. ताकि वहां के स्रोतों और जेव - विधिवत कि स्टडी कि जा सके ।  

यह एक डीप ओशन मिशन है, इसे ब्लू इकोनामी को डिवेलप करने के लिए किया जा रहा है.. इसे समुद्र के अंदर की जो जानकारी मिलेगी. उससे कई लोगों को रोजगार मिलेगा. क्योंकि इससे समुद्री संसाधनों का इस्तेमाल होगा. 

समुंद्री r-project पूरी तरह से स्वदेशी हैं. यह एक सबमर्सिबल हैं,.   जिसका नाम मत्स्य 6000 रखा गया है इसे बनाने के लिए टाइटेनियम एलॉय का इस्तेमाल किया गया है यह 12 घंटे के लिए तीन इंसानों को 6000 मीटर की समुद्री गहराई में ले जाएगा. 

इसके सभी हिस्से फिलहाल बनाए जा रहे हैं. उम्मीद है कि इस मिशन की लॉन्चिंग 2026 में होगी, . सफल लॉन्चिंग के बाद भारत अमेरिका ,रूस, फ्रांस ,जापान और चीन जैसे देशों के एलिट क्लब में शामिल हो जाएगा। इन देशों के पास ऐसी गतिविधियों के लिए विशिष्ट तकनीक और वाहन उपलब्ध है 

समुंद्रयान का उद्देश्य गहरे समुद्र में खोज और दुर्लभ खनिजों के खनन के लिए पनडुब्बी के जरिए इंसानों को भेजना है. आमतौर पर पनडुब्बियों केवल 300 से 400 मीटर तक ही जा पाती हैं. इस प्रोजेक्ट की लागत करीब ₹4100 करोड रुपये है।